वोडाफोन आइडिया ने 7,000 करोड़ रुपए के टैक्स रिफंड पर दिया जोर
निजी क्षेत्र की तीसरी बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया ने आयकर विभाग से पिछले साल के बकाया 7,000 करोड़ रुपये के कर रिफंड के लिये विभाग पर जोर दिया है। हालांकि, कंपनी पर बढ़ी ताजा देनदारी को देखते हुये कर विभाग इस मामले में कोई कदम उठाने में हिचकिचा रहा है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कर विभाग ने इससे पहले भी कर रिफंड को कंपनी की दूसरी देनदारियों में समायोजित किया है। विभाग ने ब्रिटेन की केयर्न एनर्जी पीएलसी के 1,500 करोड़ रुपये के कर रिफंड को उसकी 10,247 करोड़ रुपये की देनदारी में समायोजित कर दिया था। कंपनी पर यह देनदारी पिछली तिथि से लागू कर की वजह से बनी है।
सूत्रों का कहना है कि वोडाफोन को आयकर विभाग की मुंबई इकाई से 1,000 करोड़ रुपये का रिफंड मिलना है जबकि 6,000 करोड़ रुपये दिल्ली कार्यालय से मिलने हैं। यह रिफंड 2004- 05 के बाद हुई कर आकलन का है। कंपनी के कुछ मामलों में उच्च न्यायालय और अपीलीय न्यायाधिकरण से उसके पक्ष में फैसला आया है और अब वह आयकर विभाग पर उसका बकाया रिफंड जल्द से जल्द दिये जाने पर जोर दे रही है।
बहरहाल, आयकर विभाग इस बात को लेकर पशोपेश में है कि वोडाफोन आइडिया पर 44,150 करोड़ रुपये की नई देनदारी सामने आई है। यह देनदारी उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद सामने आई है। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि दूरसंचार कंपनियों की गैर- दूरसंचार कार्यों से होने वाली आय भी उनकी सकल आय में शामिल होनी चाहिये और लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम शुल्क की गणना करते हुये उस आय को भी शामिल किया जाना चाहिये।
बहरहाल, आयकर विभाग का मानना है कि इस मामले में वित्त मंत्रालय को दूरसंचार मंत्रालय के साथ विचार विमर्श कर रिफंड के बारे में निर्णय लेना चाहिये। इस मामले में वोडाफोन आइडिया को भेजे गये ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। वोडाफोन आइडिया ने पिछले सप्ताह ही सितंबर तिमाही के परिणाम जारी किये जिसमें कंपनी ने 50,921 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया है।